Friday, September 23, 2016

साथियों,
पांच साल बाद अपने इस ब्लॉग पर एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं। इस बीच दुनिया बदल गई और ब्लॉग पर अपनी बात कहने की आदत भी क्योंकि फेसबुक की चकाचौंध ने ऐसा खींचा कि उसी में उलझ गए हम भी। मैंने अपने अनुभव से पाया कि जिस तरह ब्लॉग में आप अपनी कोई भी पुरानी रचना बड़ी आसानी से तलाश सकते हैं, वो सुविधा फेसबुक में नहीं है। हां तस्वीरें वहां आप भी तलाश सकते हैं, लेकिन रचना पुरानी होने के बाद तलाशना बहुत वक्त लेता है। खैर, पहचान मेरी कुछ खास है नहीं, जो आपसे साझा कर सकूं। बस एक आम आदमी हूं, जो पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है। ईटीवी, सहारा समय, ज़ी न्यूज़, आजतक, जेवीजी टाइम्स, स्वतंत्र वार्ता जैसे कुछ टीवी न्यूज़ चैनल्स और अखबारों में काम करने का अनुभव है और अभी भी वक्त मिलते ही जो लिख पाता हूं, लिखता हूं। अपने फेसबुक प्रोफाइल और फेसबुक पेज दोनों का लिंक आपसे साझा कर रहा हूं, ताकि अगर यहां नहीं तो वहां अपनी मुलाकात, बात होती रहे। धन्यवाद
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